दिल चुराकर आप तो बैठे हुए हैं चैन से,
ढूढ़ने
वाले से पूछे कोई क्या जाता रहा।
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भरोसा
है खुदी पर,
नाखुदा की इल्तिजा कैसी,
मेरी
कश्ती ही साहिल है,
मेरी कश्ती में साहिल है।
1.खुदी
-
स्वयं
2.
नाखुदा -
मल्लाह,
नाविक,
कर्णधार
3.
इल्तिजा -
प्रार्थना,
दरखास्त
4.
साहिल -
किनारा,
तट
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वही
हम थे कि रोतों को हंसा देते थे,
वही
हम हैं कि थमता नहीं आँसू अपना।
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साकिया
तिश्नगी की ताब नहीं,
जहर दे दे अगर शराब नहीं।
1.तिश्नगी
-
प्यास
2.ताब
-
सहन-शक्ति
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हसरत से उस कूचे को क्यों कर न देखिये,
अपना भी इस चमन में कभी आशियाना था।
1.कूचे
-
गली
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कयामत क्यों नहीं आती इलाही माजरा क्या है,
हमारे सामने पहलू में वो गैरों के बैठे हैं।
1.
इलाही -
हे खुदा
2.
कयामत -
महाप्रलय,
सारी दुनिया का
उलट-पलट
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फलक देता है जिसको ऐश उसको गम भी देता है,
जहाँ बजते हैं नक्कारे,
वहीं मातम भी होते हैं।
1.फलक
-
आकाश,
आसमान,
अर्
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