शेर-ओ-शायरी

<< Previous  दाग देहलवी (Daagh Dehlvi)

दिल चुराकर आप तो बैठे हुए हैं चैन से,
 
ढूढ़ने वाले से पूछे कोई क्या जाता रहा।
 

*****


 
भरोसा है खुदी पर, नाखुदा की इल्तिजा कैसी,
 
मेरी कश्ती ही साहिल है, मेरी कश्ती में साहिल है।

 1.
खुदी - स्वयं 2. नाखुदा - मल्लाह, नाविक, कर्णधार

3. इल्तिजा - प्रार्थना, दरखास्त 4. साहिल - किनारा, तट
 

*****


 
वही हम थे कि रोतों को हंसा देते थे,
 
वही हम हैं कि थमता नहीं आँसू अपना।
 
*****

 साकिया तिश्नगी की ताब नहीं,
 
जहर दे दे अगर शराब नहीं।

 1.
तिश्नगी - प्यास 2.ताब - सहन-शक्ति
 

*****

 

हसरत से उस कूचे को क्यों कर न देखिये,
अपना भी इस चमन में कभी आशियाना था।

 1.
कूचे - गली

 

*****

कयामत क्यों नहीं आती इलाही माजरा क्या है,
हमारे सामने पहलू में वो गैरों के बैठे हैं।
 


 1.
इलाही - हे खुदा 2. कयामत - महाप्रलय, सारी दुनिया का उलट-पलट
 

*****

 
 
फलक देता है जिसको ऐश उसको गम भी देता है,
 
जहाँ बजते हैं नक्कारे, वहीं मातम भी होते हैं।


 1.फलक - आकाश, आसमान, अर्

 

*****

 

                                                << Previous  1 - 2 - 3