शेर-ओ-शायरी

साहिर लुधियानवी (Sahir Ludhiyanvi)   Next >>

अनगिनत लोगों ने दुनिया में मुहब्बत की है,
 कौन कहता है कि सादिक न थे जज्बे उनके,
 लेकिन उनके लिए तश्हीर का सामान नहीं,
 क्योंकि ये लोग भी अपनी तरह मुफलिस थे।


 1.सादिक – सच्चा 2.तश्हीर - विज्ञापन 3.मुफलिस - गरीब

 

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 अपनी तबाहियों का मुझे कोई गम नहीं,
 तुमने किसी के साथ मुहब्बत निभा तो दी।

 

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  अभी जिन्दा हूँ लेकिन सोचता रहता हूँ खल्वत में,
 
कि अब तक किस तमन्ना के सहारे जी लिया मैंने।

 1.
खल्वत - एकान्त, तन्हाई, जहाँ कोई दूसरा न हो।


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इश्क क्या चीज है यह पूछिये परवाने से,
 
जिन्दगी जिसको मयस्सर हुई मर जाने के बाद।
 

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