अनगिनत लोगों
ने दुनिया में मुहब्बत की है,
कौन कहता है कि सादिक न थे जज्बे उनके,
लेकिन उनके लिए तश्हीर का सामान नहीं,
क्योंकि ये लोग भी अपनी तरह मुफलिस थे।
1.सादिक –
सच्चा 2.तश्हीर -
विज्ञापन 3.मुफलिस - गरीब
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अपनी तबाहियों
का मुझे कोई गम नहीं,
तुमने किसी के साथ मुहब्बत निभा तो दी।
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अभी
जिन्दा हूँ लेकिन सोचता रहता हूँ खल्वत में,
कि
अब तक किस तमन्ना के सहारे जी लिया मैंने।
1.खल्वत
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एकान्त,
तन्हाई,
जहाँ
कोई दूसरा न हो।
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इश्क
क्या चीज है यह पूछिये परवाने से,
जिन्दगी
जिसको मयस्सर हुई मर जाने के बाद।
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