अपने-अपने
हौसले,अपने
तलब की बात है,
चुन लिया हमने तुम्हें सारा जहाँ
रहने
दिया।
1.तलब
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इच्छा,
ख्वाहिश,
आरजू
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कफस में रहके भी हम तो उन्हें भुला न सके,
हमें
भी याद किया कभी आशियाँ वालों ने।
1.कफस
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पिंजडा
2.आशियाँ
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घोंसला,
नीड़
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कौन इस तर्जे-जफा-ए-आसमाँ की दाद दे,
बाग सारा फूँक डाला,
आशियाँ रहने दिया।
1.जफा
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सितम,
अत्याचार
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