कुछ कटी हिम्मते-सवाल में उम्र,
कुछ उम्मीदे-जवाब में गुजरी।
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क्यों
सादगी के तौर अब कुछ बाँकपन के है,
अब
तक तो बाँकपन में अदा सादगी की थी।
1.
तौर -
शैली,
पद्धति,
ढंग
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जब पुरसिशे-हाल वह करते हैं,
क्या जानिए क्या हो जाता
है,
कुछ यूं ही जुबान नहीं खुलती,
कुछ दर्द सिवा हो जाता हैं।
1.पुरसिशे-हाल
-
हाल
पूँछना
2.सिवा
-
अधिक,
बढ़ना
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जिक्र छिड़ गया जब कयामत का,
बात पहूंची तेरी जवानी तक।
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