शेर-ओ-शायरी

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कुछ कटी हिम्मते-सवाल में उम्र,

कुछ उम्मीदे-जवाब में गुजरी।

 

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क्यों सादगी के तौर अब कुछ बाँकपन के है,
 
अब तक तो बाँकपन में अदा सादगी की थी।

 1.
तौर - शैली, पद्धति, ढंग

 

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जब पुरसिशे-हाल वह करते हैं, क्या जानिए क्या हो जाता है,
कुछ यूं ही जुबान नहीं खुलती, कुछ दर्द सिवा हो जाता हैं।

 1.
पुरसिशे-हाल - हाल पूँछना 2.सिवा - अधिक, बढ़ना
 

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जिक्र छिड़ गया जब कयामत का,
 
बात पहूंची तेरी जवानी तक।
 

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