गलत कि उनकी जफा को भुला दिया मैंने,
मगर
ये सच है कि वो याद आये जाते हैं।
1.जफा
-
जुल्म,
अत्याचार,
सितम
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तर्के
- तअल्लुकात खुद अपना कसूर था,
अब
क्या गिला कि उसको हमारी खबर नहीं।
1.तर्के
- तअल्लुकात -
संबंधों का त्याग
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फकत
इक शगले - बेकारी है अब बादाकशी अपनी,
वो महफिल उठ गई कायम थी जिससे सर-खुशी अपनी।
1.शगले–बेकारी
-
बेकार
का काम
2.
बादाकशी
-
शराब
पीना
3.
सर-खुशी
-
हलका नशा,
हलके नशे से उत्पन्न मस्ती
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मुझे जिन्दगी की दुआ देने वाले,
हँसी आ रही है तेरी सादगी पर।
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