शेर-ओ-शायरी

 

     जलील किदवई  (Jaleel Kidwai)
 

क्या इससे भी पुरदर्द कोई होगा फसाना,
हम जान से जाते रहे और उसने न माना।

1.
पुरदर्द- दुखपूर्ण, गमनाक, कष्टपूर्ण

 

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