मैंने यूं कश्ती का रूख सू-ए-तूफां कर
दिया,
साजगारे-दिल हवा-ए-दामने-साहिल न था।
-'अलम' मुजफ्फरनगरी
1. सू-ए-तूफां
- तूफान की ओर
2. साजगारे-दिल
- दिल के मुआफिक या अनुकूल, जो बात दिल को पसंद आ जाए
3. हवा-ए-दामने-साहिल
- साहिल के आँचल की हवा
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मैंने हर गम को खुशी में ढाला है,
मेरा हर इक रंग निराला है।
लोग जिन हादिसों में मरते हैं,
मुझको उन हादिसों ने पाला है।
-नरेश कुमार 'शाद'
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यकीं-महकम, अमल-पैहम, मुहब्बत-फातहे-आलम,
जिहादे - जिन्दगी में हैं, यही मर्दों की शमशीरें।
-मोहम्मद इकबाल
1.यकीं-महकम
- पक्का इरादा या संकल्प, दृढ़ निश्चय
2. अमल-पैहम
-
निरंतर या लगातार काम या कर्म (करना), अनवरत प्रयास
3.
मुहब्बत-फातहे-आलम
- विश्वविजयी मुहब्बत (यानी सारी दुनिया को जीतने
वाली मुहब्बत)
4. जिहादे–जिन्दगी
- जीवन-संग्राम
5. शमशीरें
- तलवारें
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यह मिसरा काश नक्शे-हर-दरो-दीवार हो जाये,
जिसे जीना हो, मरने के लिये तैयार हो जाये।
-'जिगर' मुरादाबादी
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