शेर-ओ-शायरी

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हिफाजत करने वाले खिरमनों के मुतमईन बैठें,
तजल्ली बर्क की महदूद मेरे आशियाँ तक है।

-'अजीज' लखनवी


1.खिरमन - खलियान, भूसा निकाला हुआ या भूसा मिला हुआ अन्न का ढेर जो खलियान में रखा होता है 2. मुतमईन - (i) बेफिक्र, निश्चिन्त

(ii) संतुष्ट, (iii) आनन्दपूर्वक, खुशहाल 3. तजल्ली - (i) रौशनी,

प्रकाश, नूर (ii) तेज, प्रताप, जलाल 4. बर्क - (i) बिजली, चपला,

 तड़ित (ii) विद्युत, प्रयोग में आने वाली बिजली,

5. महदूद - सीमित

 

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हो जाये अगर जीत तो कहते हैं तदब्बुर अपना,
हो जाए अगर हार तो कहते हैं मुकद्दर अपना।


1.तदब्बुर - काम करने से पहले उसका परिणाम सोचना, दूरदर्शिता, दूरबीनी

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