सफीना जब
तेरे होते हुए भी डूब सकता है,
उठायें फिर तेरे एहसान क्यों ऐ नाखुदा कोई।
1.सफीना
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नाव,
नौका
2.नाखुदा
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मल्लाह,
नाविक
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