शेर-ओ-शायरी

 

     हसन कमाल (Hassan Kamal)

अपनी बर्बादियों का रंज नहीं लेकिन,
तेरी तन्हाइयों का क्या होगा।
 

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नाज है अपनी बंदगी पर ऐ 'हसन',
जिसको चाहें वही खुदा होगा।

1.
बंदगी - पूजा, इबादत
 

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