शेर-ओ-शायरी

 

    गुमनाम भरतपुरी (Gumnam Bharatpuri)

 

चार दिन की बात है क्या दोस्ती क्या दुश्मनी,
 
काट दो इनको खुशी से यार हँसते-हँसते।
 

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