उसे तो पने गुलदस्ते की रौनक ही से मतलब है,
कहाँ गुलचीं के फुरसत है कि दर्दे-गुलसिताँ समझे।
1.
गुलचीं -
फूल
तोड़ने वाला
माली
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खत्म कर देगी किसी दिन ये तमन्ना-ए-हयात,
रात-दिन कोशिश में जीने की मरा जाता हूँ मैं।
जिन्दगी के दाम इतने गिर गये कुछ गम नहीं,
मौत की बढ़ती हुई कीमत से घबराता हूँ मैं।
1.हयात
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जिन्दगी।
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