अय जिन्दगी खुदा
के लिए अब मुआफ कर,
बैठी हुई है मौत मेरे इन्तिजार में।
-मुनव्वर लखनवी
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इस जमीं
पै जिन्का था दबदबा कि बुलंद अर्श पै नाम था,
उन्हें यूँ फलक ने मिटा दिया कि मजार तक का निशां नहीं।
-चकबस्त लखनवी
1. दबदबा -. (i) रोबदाब, प्रताप, तेज,
प्रभाव (ii) आतंक
2. अर्श - आकाश, फलक, आसमान
3. फलक -
आकाश, आसमान
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उम्र फानी है
तो मौत से डरना कैसा,
इक न इक रोज यह हंगामा हुआ रखा है।
1.फानी-
नश्वर, नाशवान, मिट जाने वाला, न
रहने वाला
2. हंगामा - (i) उपद्रव, फसाद (ii)
विप्लव, उथल-पुथल
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उसी को हम जहाँ
में रहरवे-कामिल समझते हैं,
जो हस्ती को सफर और कब्र को मंजिल समझते हैं।
1.रहरव -
बटोही, मुसाफिर, पथिक 2.
कामिल -
निपुण, दक्ष, होशियार ;मुकम्मल,सर्वांगपूर्ण
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