शेर-ओ-शायरी

   फूल और कांटे (Flowers and thorns) Next >>

अगर कांटा निकल जायें चमन से,
तो फूलों का निगहबां कौन होगा।


1. निगहबां - रखवाला, संरक्षक

 

*****

आज कांटें हैं अगर तेरे मुकद्दर में तो क्या,
कल तेरा भर जाएगा फूलों से दामन गम न कर।
-'निहाल' सेहरारवी

 

*****

आज फूलों की बेगानगी देखकर,
मुझको कांटों से दामन सजाना पड़ा।

1.बेगानगी - परायापन, अस्वजनता

 

*****

आप गैरों की बात करते हैं हमने अपने भी आजमाए हैं,
लोग कांटों से बचके चलते हैं, हमने फूलों से जख्म खाए हैं।
-'बेताब' अलीपुरी
 

*****

 

                                         page - 1 - 2 - 3 - 4 - 5 - 6 - 7 - 8  Next >>