अगर कांटा
निकल जायें चमन से,
तो फूलों का निगहबां कौन होगा।
1. निगहबां -
रखवाला, संरक्षक
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आज कांटें हैं अगर तेरे मुकद्दर में तो क्या,
कल तेरा भर जाएगा फूलों से दामन गम न कर।
-'निहाल' सेहरारवी
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आज फूलों की बेगानगी देखकर,
मुझको कांटों से दामन सजाना पड़ा।
1.बेगानगी - परायापन, अस्वजनता
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आप गैरों की बात करते हैं हमने अपने भी आजमाए हैं,
लोग कांटों से बचके चलते हैं, हमने फूलों से जख्म खाए हैं।
-'बेताब' अलीपुरी
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