जिसमें धड़का लगा
रहे गम का,
क्या करूँ लेके ऐसे राहत को।
-'अख्तर' अंसारी
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जो दर्द से वाकिफ
हैं वह खूब समझते हैं,
राहत में तुझे खोया, तकलीफ में पाया है।
-'अख्तर' अंसारी
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तू गम दे या खुशी, तुझे
इख्तियार है,
हम बेनियाज हो गए दामन पसार कर।
- अनवर मिर्जापुरी
1. बेनियाज - निस्पृह, जिसे किसी से
कुछ लेने की इच्छा न हो
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दिल गया
रौनके-हयात गई,
गम गया सारी कायनात गई।
-'जिगर' मुरादाबादी
1.रौनक - (i) शोभा, छटा, सुहानापन (ii)
चमक-दमक, तड़क-भड़क (iii) प्रसन्नता और हर्ष की लहर
2.कायनात - (i) ब्रहमांड (ii) दुनिया,
संसार
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