शेर-ओ-शायरी

<< Previous  ख़ुशी और ग़म  (Joys and sorrows)   Next >>

जिसमें धड़का लगा रहे गम का,
क्या करूँ लेके ऐसे राहत को।

-'अख्तर' अंसारी
 

*****


जो दर्द से वाकिफ हैं वह खूब समझते हैं,
राहत में तुझे खोया, तकलीफ में पाया है।

-'अख्तर' अंसारी


*****

 

तू गम दे या खुशी, तुझे इख्तियार है,
हम बेनियाज हो गए दामन पसार कर।

- अनवर मिर्जापुरी


1. बेनियाज - निस्पृह, जिसे किसी से कुछ लेने की इच्छा न हो
 

*****


दिल गया रौनके-हयात गई,
गम गया सारी कायनात गई।

-'जिगर' मुरादाबादी


1.रौनक - (i) शोभा, छटा, सुहानापन (ii) चमक-दमक, तड़क-भड़क (iii) प्रसन्नता और हर्ष की लहर
2.कायनात - (i) ब्रहमांड (ii) दुनिया, संसार

 

*****
 

  << Previous     page -1-2-3-4-5-6-7-8-9-10-11-12-13-14-15-16-17-18-19-20  Next >>