शेर-ओ-शायरी

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रंज से खूगर हुआ इन्साँ तो मिट जाता है रंज,
मुश्किलें मुझ पर पड़ी इतनी कि आसाँ हो गइं।

- मिर्जा गालिब


1.खूगर - आदी, अभ्यस्त, जिसे किसी बात की आदत हो

2. रंज - कष्ट, तकलीफ, पीड़ा, दर्द
 

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रहे असीर तो शिकवा हुए असीरी के,
रिहा हुआ तो मुझे गम है रिहाई का।

-जलील मानिकपुरी


1. असीर - बंदी, कैदी 2. असीरी - कैद, कारावास


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लब पर तबस्सुम आँखों में आँसू,
हम लिख रहे है अफसाना-ए-हस्ती।

-तस्कीन मुहम्मद 'यासीन'


1. लब - ओष्ठ, होंठ 2. तबस्सुम - मुस्कान, मुस्कुराहट

3. अफसाना-ए-हस्ती - जीवन की दास्तान
 

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सब जिसको असीरी कहते हैं वह है तो असीरी ही लेकिन,
वह कौन-सी आजादी है यहाँ, जो आप खुद अपना दाम नहीं।

-जिगर मुरादाबादी


1.असीरी - कैद, कारावास 2. दाम - जाल, फंदा, पाश

 

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