शेर-ओ-शायरी

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कफस में खींच ले जाये मुकद्दर या नशेमन में,
हमें परवाजे-मतलब है, हवा कोई भी चलती हो।

-सीमाब अकबराबादी


1.नशेमन - आशियाना, घोंसला, नीड़
2. परवाज - उड़ान

 

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कहाँ दूर हट के जायें हम दिल की सरजमीं से,
दोनों जहाँ की सैरें हासिल है सब यहीं से।

 -जिगर मुरादाबादी


1. सरजमीं - (i) पृथ्वी, जमीन (ii) देश, मुल्क

 

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कांटों से घिरा रहता है चारों तरफ से फूल,
फिर भी खिला ही रहता है, क्या खुशमजाज है।

 

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कारगाहे-हयात में ऐ दोस्त यह हकीकत मुझे नजर आई,
हर उजाले में तीरगी देखी, हर अंधेरे में रौशनी पाई।

-जिगर मुरादाबादी


1. कारगाह - कार्यालय, काम करने का स्थान

2. हयात - जिन्दगी 3.तीरगी - अंधेरा, अंधकार
 

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