शेर-ओ-शायरी

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जाना पड़ा रकीब के दर पर हजार बार,
ऐ काश! जानता न तेरी रहगुजर को मैं।
-मिर्जा गालिब


1.रकीब - एक स्त्री से प्यार करने वाले दो व्यक्ति परस्पर रकीब होते हैं। 2.रहगुजर - राह, पथ

 

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जिक्र जब भी छिड़ा है वफा का कहीं,
जाने क्यों कुछ दोस्त मुझको याद आये।
-इकबाल सफीपुरी


1. वफा - प्रतिज्ञापालन, वफादारी, निबाह, निर्वाह

 

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जितना मल्लाह का डर है मुझको,
उतना तूफान का डर नहीं है।

 

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जो दर्द मिटते-मिटते भी मुझको मिटा गया,
क्या उसका पूछना कहाँ था, कहाँ न था।
अब तक वह चारासाजिए-चश्मे-करम है याद,
फाहा वहां लगाते थे चरका जहाँ न था।
-मिर्जा गालिब


1.चारासाजी - चिकित्सा, इलाज 2.चश्मे-करम - कृपादृष्टि

3.चरका - जख्म, घाव


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