जिस गम से दिल को राहत हो,
उस गम का मुदावा
क्या मानी?
जब फितरत तूफानी ठहरी,
साहिल की तमन्ना
क्या मानी।
-अर्श मल्सियानी
1. मुदावा - दवा, इलाज 2. फितरत
- आदत, स्वभाव
3. साहिल - किनारा, तट
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जुनूने-तामीर है सलामत तो बर्के-बाराँ का हमको क्या गम,
चमन की हर शाख पर बना लेंगे बहारों का आशियाना।
-सागर
निजामी
1.जुनूने-तामीर
- निर्माण की धुन
2.बर्के-बाराँ
- कौंधती बिजली
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ठोकर अगर किसी पत्थर से खाई है,
मंजिल का पता भी उसी पत्थर से मिला है।
-बिस्मिलसईदी हाशमी
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ताइरे-जाँ! कितने
ही गुलशन तेरे मुश्ताक है,
बाजुओं में ताकते-परवाज होना चाहिए।
-'असर' लखनवी
1.ताइरे-जाँ हे प्राण-पंछी, हे जीव रूपी
पंछी 2. मुश्ताक - ख्वाहिशमंद,
लालायित, इच्छुक 3. ताकते-परवाज -
उड़ने की ताकत
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