शेर-ओ-शायरी

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बारहा देखी है उनकी रंजिशें,
पर कुछ अब की सरगरानी और है।
-मिर्जा गालिब

 

1.बारहा-अक्सर 2.सरगरानी-नाराजगी, अप्रसन्नता  


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बिन जले शम्अ के परवाना जल नहीं सकता,
क्या  करे इश्क अगर हुस्न ही सबकत न करे।

 
 -अब्राहम जौंक


1.सबकत-आगे आना, आगे बढ़ाना

 

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बीत जाती है एक पल में कभी जिन्दगी की हजारहा घड़ियाँ,
एक लमहे के इन्तिजार में कभी सर्फ होती है सैकड़ों सदियाँ।


1.हजारहा - हजारों 2. सर्फ - व्यतीत, खर्च, व्यय
 

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बीते  हुए दिलकश  लमहों की भूली हुई ऐसी याद  आई,
जैसे  कोई  प्रीतम परदेसी सोते  में अचानक आ  जाये।
       
-मुशूर' वाहिदी

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