बारहा देखी है उनकी रंजिशें,
पर कुछ अब की सरगरानी और है।
-मिर्जा गालिब
1.बारहा-अक्सर 2.सरगरानी-नाराजगी, अप्रसन्नता
*****
बिन जले शम्अ के परवाना जल नहीं सकता,
क्या करे इश्क अगर हुस्न ही सबकत न करे।
-अब्राहम जौंक
1.सबकत-आगे आना, आगे बढ़ाना
*****
बीत जाती है एक पल में कभी जिन्दगी की हजारहा घड़ियाँ,
एक लमहे के इन्तिजार में कभी सर्फ होती है सैकड़ों सदियाँ।
1.हजारहा
- हजारों
2. सर्फ
- व्यतीत, खर्च, व्यय
*****
बीते हुए दिलकश लमहों की भूली हुई ऐसी याद
आई,
जैसे कोई प्रीतम परदेसी सोते में अचानक आ जाये।
-मुशूर' वाहिदी
*****
<< Previous page -1-2-3-4-5-6-7-8-9-10-11-12-13-14-15-16-17-18-19-20-21-22-23-24-25-26-27-28-29-30-31-32-33-34-35-36-37-38-39-40-41-42-43-44-45-46-47-48-49-50-51-52-53-54-55-56-57-58-59-60-61-62-63-64-65-66-67-68-69-70-71-72-73-74-75-76-77-78-79-80-81-82-83-84-85-86-87-88-89-90-91-92-93-94-95-96-97-98-99-100-101-102-103-104-105-106-107-108-109-110-111-112-113-114-115-116-117-118-119-120-121-122-123-124-125-126-127-128-129-130-131-132-133-134-135-136-137-138-139-140-141-142-143-144-145-146-147-148-149-150-151-152-153-154-155-156-157-158-159-160 Next>>