शेर-ओ-शायरी

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मुझको ही तलब का ढब नहीं आया
         वरना तेरे पास क्या नहीं था?  
 
    

  -नदीम कासिमी

 

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मुझसे छीनो न दिल की वीरानी,
यह अमानत किसी अजनबी की है।

-शाकिर


1.अमानत - न्यास, थाती, धरोहर
 

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मुझसे बरगश्ता न होते तो तअज्जुब होता,
आप को उज्रे-तगाफुल की जरूरत क्या है।

-हसरत मोहानी


1.बरगश्ता - नाराज 2. उज्र - विवशता, मजबूरी

3. तगाफुल – (i) असावधानी,बेखबरी (ii)उपेक्षा, तवज्जुही, बेपर्बाई

 

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मुझसे मिलना और आप का मिलना,
दिन यह किसको नसीब होता है।
-नूर नारवी
 

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